"गजल"
बेबफा प्यार किया करते हैं
गुलों को खार किया करते हैं
गुलों से वार किया करते हैं
दिल-ए-बेजार किया करते हैं
मजा लेना हो जब जवानी का
तो वो इकरार किया करते हैं
रजा भी खुलके नहीं देते हैं
ना ही इन्कार किया करते हैं
चादरें इश्क के धागों से बनी
वो तार तार किया करते हैं
जिसे आता है खेलना दिल से
वो ही इज़हार किया करते हैं
जिसे मिला नहीं है धोखा यहाँ
वही ऐतबार किया करते हैं
जुबाँ बनी नहीं पत्थर के लिए
गिला बेकार किया करते हैं
मैंने समझाया बहुत नादाँ को
यारी भी यार किया करते हैं
कौन समझाए "दीप" चश्म-ए-बयाँ
बेजुबाँ प्यार किया करते हैं
संदीप पटेल "दीप:"
बेबफा प्यार किया करते हैं
गुलों को खार किया करते हैं
गुलों से वार किया करते हैं
दिल-ए-बेजार किया करते हैं
मजा लेना हो जब जवानी का
तो वो इकरार किया करते हैं
रजा भी खुलके नहीं देते हैं
ना ही इन्कार किया करते हैं
चादरें इश्क के धागों से बनी
वो तार तार किया करते हैं
जिसे आता है खेलना दिल से
वो ही इज़हार किया करते हैं
जिसे मिला नहीं है धोखा यहाँ
वही ऐतबार किया करते हैं
जुबाँ बनी नहीं पत्थर के लिए
गिला बेकार किया करते हैं
मैंने समझाया बहुत नादाँ को
यारी भी यार किया करते हैं
कौन समझाए "दीप" चश्म-ए-बयाँ
बेजुबाँ प्यार किया करते हैं
संदीप पटेल "दीप:"
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