Friday 11 November 2011

राजनीति

भारत की बेकारी है सरकारी है राजनीति
आम जनता के साथ गद्दारी है राजनीति

नेताओं की फैलाई बीमारी है राजनीति
भ्रष्ट मन से लिप्त अधिकारी है राजनीति

युवाओं में ऊहापोह भरी बेकरारी है राजनीति
दलितों का दमन करती खुमारी है राजनीति

मंहगाई जैसे भयंकर महामारी है राजनीति
वहशी नेताओं के लिए अब तक कुंवारी है राजनीति ................SPS ..............
आशिकी है अरे कोई अदावत नहीं है
उसूलों से आशिक की बगावत नहीं है

आशिक मचलता है तड़पता है यार को
जा किसी से दिल की हिकायत नहीं है

मिलो ना कभी लेकिन इंकार ना करना
तेरी बेरुखी की मुझको शिकायत नहीं है

हमारे यार है कुछ ऐसे ख्याल रखते हैं मेरा
मुझ पर किसी और की इनायत नहीं है

मैं गुनाह करता हूँ तुमसे मोहब्बत का बस
और लोग कहते हैं मुझमे सराफत नहीं है

पटेल जी रहा है बस तेरे दीद के दम पे
जमाने मैं ऐसे जीने की इजाजत नहीं है ...................SPS .........

मैं कब से दिल के अरमान दबाये बैठा हूँ

मैं कब से दिल के अरमान दबाये बैठा हूँ
दिल के समंदर में तूफ़ान छुपाये बैठा हूँ

यूँ तो बेरुखी है अदा में बड़े संगदिल हो तुम
मैं बेचारा संग को भगवान बनाये बैठा हूँ
...
तिश्नगी बुझती नहीं है दीद की तुम्हारी
फिर मुलाक़ात की शम्मा जलाये बैठा हूँ

सीने में आग है नज़रों में तलब इश्क की
मोहब्बत की दिल में आग लगाये बैठा हूँ

पटेल उसकी सादगी से घायल है जिगर
दर्द-ए-दिल कम नहीं होता
कहाँ कहाँ क्या क्या इलाज कराये बैठा हूँ ........................SPS .............